वो तरीके जिनसे भारतीयों का मोटापा हो सकता है दूर

रायन एलेन ने एक पैर अपने साथी के कंधे पर रखा और ग्लासगो के रॉयल एक्सचेंज स्क्वायर पर लगी कांसे की घोड़े की प्रतिमा पर चढ़ गए.

वो कांसे के ड्यूक ऑफ़ वेलिंग्टन की प्रतिमा के पीछे घोड़े की काठी पर खड़े गए. वहां से गुज़रते लोगों ने मोबाइल फ़ोन से उनकी तस्वीरें लीं.

एलेन ने बाद में कहा, "यह जोश में हो गया, वैसे तो यह अवैध है. वहां खड़े होने से राहत और उपलब्धि का अहसास हुआ."

पिछले 30 वर्षों से यहां के शरारती लोग इस स्मारक को ट्रैफिक कोन का ताज पहना रहे हैं. जुलाई 2017 में 'आयरन ड्यूक' की सीट के पीछे से एलेन ने भी ताज पहनाया.

ड्यूक के संघर्ष की भावना के अनुरूप वह भी अपने काम को जरूरी मानते हैं. लेकिन एलेन ने जमीन या आज़ादी के लिए यह नहीं किया.

एलेन ने शक्कर वाले सॉफ्ट ड्रिंक के लिए यह सब किया. उसने ड्यूक को पहनाए कोन को अपनी पसंदीदा स्कॉटिश पेय की तरह नारंगी और नीले रंग में रंगा था और उस पर लिखा था- "असली इर्न-ब्रू को वापस लाओ."

तीन महीने पहले ब्रिटिश सरकार ने "मोटापा टैक्स" लगा दिया था. मोटापे पर काबू पाने की कोशिश के तहत चीनी वाले सॉफ्ट ड्रिंक्स पर कई स्तर के टैक्स लगाए गए थे.

पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (PHE) को भरोसा था कि कोका-कोला, पेप्सी और रेडबुल जैसी कंपनियों को अपने उत्पाद सुधारने के लिए तैयार कर लिया जाएगा और चीनी की खपत कम करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा सकेगा.

अगर ये कंपनियां अपने ड्रिंक्स को 6 अप्रैल 2018 तक बदलने में नाकाम रहतीं तो उन पर टैक्स कानून लागू कर दिया जाता और खुदरा दुकानदारों को कीमत बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ता. ज्यादातर कंपनियां अपने पॉपुलर ड्रिंक्स को बदलने के लिए राज़ी हो गईं.

सॉफ्ट ड्रिंक्स इंडस्ट्री पर लगाए गए इस टैक्स को कई लोग "चीनी कर" भी कहते हैं.

ब्रिटेन में कई लोगों के लिए यह एक समझ-बूझ भरा फ़ैसला है. लेकिन एलेन जैसे सॉफ्ट ड्रिंक प्रेमी इसे संस्कृति पर सीधा हमला मानते हैं. उनके लिए प्रतिष्ठित स्कॉटिश ड्रिंक में कम शक्कर का मतलब है बेजान स्वाद.

ब्रिटेन में शक्कर की लत को समझने के लिए ये आंकड़े देखिए. 10-11 साल के 20 फीसदी बच्चे मोटापे के शिकार हैं. वयस्कों में 26 फीसदी को मोटापा है.

सवाल है कि क्या संस्कृति में बदलाव के लिए टैक्स का इस्तेमाल किया जा सकता है? यदि हां, तो इसकी कामयाबी को मापने का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

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